कैसे काम करेगा नया प्रीपेड स्मार्ट मीटर?
प्रीपेड स्मार्ट मीटर का कार्य प्रणाली बहुत सरल और स्वचालित होगी। उपभोक्ताओं को अब मीटर को रिचार्ज करना होगा, जैसे वे मोबाइल फोन का रिचार्ज करते हैं। इस मीटर का खास फायदा यह होगा कि इसमें मैनुअल रीडिंग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हर उपभोक्ता की बिजली खपत का डेटा सीधे मीटर से जुड़ी प्रणाली में रिकॉर्ड होगा, जिससे कोई भी गड़बड़ी की संभावना न के बराबर रहेगी। जब रिचार्ज की राशि खत्म हो जाएगी, तो बिजली का प्रवाह स्वतः बंद हो जाएगा। हालांकि, रिचार्ज खत्म होने से पहले उपभोक्ताओं को उनके मोबाइल फोन पर रिचार्ज करने के लिए संदेश प्राप्त होगा, क्याताकि वे समय रहते रिचार्ज करा सकें
क्या बदलने वाला है?.
इस नए सिस्टम का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि उपभोक्ताओं को समय पर और सही जानकारी मिलेगी। उन्हें बिल के बजाय सीधे अपने रिचार्ज बैलेंस के आधार पर बिजली का उपयोग करना होगा। इससे उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत पर बेहतर नियंत्रण मिलेगा और उनकी बिलिंग प्रक्रिया और भी पारदर्शी हो जाएगी। स्मार्ट मीटर से ऊर्जा की खपत की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा, और गलत बिलिंग की संभावना बहुत कम हो जाएगी।
कृषि क्षेत्र पर असर
केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत, छत्तीसगढ़ के किसानों को इस प्रीपेड स्मार्ट मीटर प्रणाली से बाहर रखा गया है। किसानों के लिए बिजली के उपयोग में कोई बदलाव नहीं होगा और उन्हें यह प्रीपेड मीटर नहीं दिए जाएंगे। बाकी सभी शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं के घरों में यह स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जो आने वाले समय में बहुत फायदे का साबित होंगे।
स्मार्ट मीटर की स्थापना में छत्तीसगढ़ का अहम योगदान
छत्तीसगढ़ ने स्मार्ट मीटरों की स्थापना में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अब राज्य स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में देश में तीसरे स्थान पर आ गया है। इसके तहत राज्य के सभी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर की व्यवस्था इस वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी। यह योजना बिजली वितरण क्षेत्र को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार की रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) का हिस्सा है।
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